Saturday 28 January 2012

मामुलाते अहले सुन्नत

मोअल्लिफ - मौलाना मोहम्मद कमर आलम मिस्बाही
उस्ताद दारुल उलूम अनवारे सुफिया , अकलूज , शोलापुर

                    *अंगूठे चूमने का सबूत
      रसूले कायेनात सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम के नामे मुबारक को
  सुनकर अंगूठे  चूमना दुनिया --आखिरत में खैर--बर्कत का बाइस है !इस बात के सबूत में बहुत सी अहादीस तफ़सीर की किताबें मौजूद हैं !
             अल्लामा इमाम शम्सुद्दीन सखावी रहमतुल्लाही अलैहि दैलमी
  हवाले से हजरत अबू बक्र सिद्दीक रजिअल्लाहू  अन्हु  का अमल नकल
  फरमाते हैं!
     जब मोअज्जिन को अशहदुअन्ना मुहम्मदुरसुलूल्लाह कहते सुना तो यही कहा और अपनी शहादत की उंगलियों के पेट को चूमा और आँखों
से मसह किया तो हुजुर सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो
शख्स मेरे एस प्यारे दोस्त की तरह करेगा मेरी शफाअत उसके लिए
हलाल हो गयी !     
                सय्यदना इमाम  हुसैन रजिअल्लाहू अन्हु ने फरमाया !
जो शख्स मोअज्जिन से अशहदूअन्ना मुहम्मदुरसुलूल्लाह सुनकर कहे
मरहबा बिहबीबी कुरर्तु ऐनी मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह सल्लललाहू 
अलैहि वसल्लम और दोनों अंगुठे  चूमकर आँखों पर रखे वह कभी अंधा होगा और उसकी आँखें कभी दुखेंगी !
   अल्लामा इब्ने आबिदीन शामी रहमतुल्लाही अलैहि फरमाते हैं !
मुस्तहब है की जब अजान में पहली बार अशहदुअन्ना मुहम्मदुरसुलूल्लाह सुने तो सल्लललाहू  अलैका या रसूलल्लाह कहे , और जब दूसरी बार सुने तो कुरर्तु ऐनी बिका या रसूलल्लाह कहे और फिर कहे अल्लाहुम्मा मत्तेअनी बिस्समऐ  व्ल्बसर और ये कहना 
  
अंगूठे के नाख़ून आँखों पर रखने के बाद तो सरकार अकदस में जन्नत में ले जायेंगे ऐसा ही कन्जुलइबाद  में हैं !
(
रुहुलब्यान जिल्द १९४ , उसी के मिस्ल फतवाए सुफिया में है ! रद्दुलमुहतार जिल्द अव्वल 276 )




        *इस्में मुहम्मदी चूमने की बकर्त


इस्में मुहम्मदी चूमने की बकर्त : मरवी है की बनी  इसराईल का एक  शख्स १०० साल गलत कारियों में मुब्तला रहा जब मर तो उसे घसीट क्र गंदगी के ढेर पर फेंक दिया !
अल्लाह तआला ने मूसा अलैहिस्सलाम को पैगाम भेजा की उसे नहला धुला कर उसकी नमाजे जनाजा पढिये ,मूसा  अलैहिस्सलाम ने अर्ज किया ! या इलाहुल आलमीन !
बनी  इसराईल के तमाम लोग गवाही देते हैं की उसने १०० साल नाफरमानियों मैं गुजरें हैं , अल्लाह ताला ने फरमाया
बात वाकई ऐसी ही है , लेकिन उसका एक काम मुझे पसंद गया है की तौरैत खोलकर जुहीं इस्में मुहम्मद को देखता था उसे चूमकर आँखों से लगता था उसके बदले मैं मैंने उसे बख्श दिया और सत्तर हुंरे उससे बियाह दीं ! ( रूहुलब्यान मुतर्जिम ६१)


                 *कलिमा की उंगली

कलिमा की उंगली : कलिमा की उंगली को क्लिमकाकी उंगली क्यों कहा जाता है ?
ये भी इस्मे मुहम्मद का फैज है की जब हजरते आदम अलैहिस्सलाम को जन्नत में हजरत मुहम्मद सल्लललाहू अलैहि वसल्लम की मुलाकात का इश्तियाक हुआ तो  अल्लाह तआला  ने उनकी तरफ वही भेजी की वह तुम्हारे सल्ब से आखरी जमाने में जहुर फरमायेंगे तो हजरत आदम अलैहिस्सलाम के दायें हाथ के क्लीमे की उंगली में नुरे मुहम्मदी  सल्लललाहू अलैहि वसल्लम को चमकाया तो उसने अल्लाह की तस्बीह
पढ़ी इसी वजह से इस उंगली का नाम क्लीमे की उंगली हुवा , जैसा की रौजुलफाइक में है !
और अल्लाह तआला ने अपने हबीब के जमाले मुहम्मदी  सल्लललाहू अलैहि वसल्लम को हजरत आदम  अलैहिस्सलाम के दोनों अंगूठों के नाखुनो में मिस्ले आईना जाहिर फरमाया
तो हजरते आदम अलैहिस्सलाम ने अपने दोनों अंगूठों के नाखुनो को चूमकर आँखों पर फेरा
तो ये सुन्नत उनकी औलाद में जरी हुई ! फिर  जीब्राइले अमिन ने नबी करीम सल्लललाहू अलैहि  वसल्लम को इसकी खबर दी तो आप ने फरमाया जो शख्स अजान में मेरा नाम सुने और अपने अंगूठो
के नाखुनो को चूमकर आँखों से लगाये वह कभी अंधा होगा !  
(रुहुलब्यान ६४९)


*फायदे :
) अंगूठे चूमने के बहुत सारे फायदे हैं जो अमल करेगा फायदा देखेगा ! उसपर अमल करने वाले को हुजुर सल्लललाहू अलैहि वसल्लम की शफाअत नसीब होगी !

२) अंगूठे चूमने वाले को हुजुर सल्लललाहू अलैहि वसल्लम अपने पीछे जन्नत में दाखिल फरमायेंगे !

३) ये अम्ल करने वाले की आँख दुखने से महफूज रहेगी और इन्शाअल्लाह कभी अंधा न होगा !

४)आंखों में कोई तकलीफ हो तो अंगूठे चूमना बेहतरीन इलाज है ! 




 

 
 

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