Saturday 4 February 2012

क्या आप जानते हैं ?

१.अबू जेहल का असली नाम अम्र बिन हिशाम था !

२.इमाम जैनुल आबेदीन का असली नाम अली बिन हुसैन था !

३.कोमें आद (हजरत हुद अलैहिसलाम की कौम ) की ओरतें अजब की वजह से बांझ हो गई थी ! 

Friday 3 February 2012

*पैगम्बरे आजम के उम्मत के नाम और पैगाम

.नेक काम के लिए किसी को तैयार करने का सवाब
अल्लाह के रसूल  सलैल. ने फरमाया -
जिसने अपने किसी दीनी भाई को कोई नेक काम करने
के लिए तैयार कर लिया तो उसे भी उतना ही सवाब मिलेंगा
जितना की नेक काम करनेवाले को मिलेगा  !

 
.सलाम से पहले बात करो
जो आदमी सलाम  करने से पहले
बात करे , उसका जवाब मत दो !

 
.सबसे बड़ी  इबादत
अल्लाह के नज्दीक एक बड़ी इबादत यह भी है
की तुम अपने किसी दीनी भाई का दिल खुश कर दो !

 
.बात चीत के आदाब
अगर  कही तीन आदमी बैठे हो तो एक को छोड़ कर
दो आदमी आपस में काना फूसी करें , इससे उस
तीसरे आदमी को तकलीफ हो सकती है ! वह यह सोचेगा
की मेरे बारे में ही कोई बात कर रहे होगे !

 
.अल्लाह दिल देखता है
अल्लाह तआला तुम्हारी शक्ल सुरत , माल
नहीं देखता बल्कि तुम्हारे आमाल दिल देखता है !

 
.घरवालों को सलाम करो
जब तुम अपने घर में जाओ तो घरवालों को सलाम
कर लिया करो , इससे तुम्हारे घर में बरकत होगी !

 
.जरूरत पर काम आना
जो आदमी जरूरत पड़ने पर अपने भाई के काम आएगा ,
अल्लाह उसकी जरूरत पड़ने पर उसके काम आएगा !

 
.बूढों की  इज्जत करो 
तुम अपने बूढों की ताजीम करो जब तुम बूढ़े हो जाओगे
तो अल्लाह तआला नवजवानों को तुम्हारी ताजीम करने
की तोफिक देगा !


 
.दुसरे का ख़त पढों
जो आदमी बिना इजाजत अपने भाई
का ख़त पढ़ेगा वह आग देखेगा !

 
१०.नेक बेटे को हज का सवाब
जो नेक बेटा अपने माँ बाप की तरफ मुहब्बत शफकत
की नजर से देखता है , अल्लाह उसके आमाल नामे में हर
नजर के बदले एक हज्जे  मकबूल का सवाब फरमाता है




११.नकल न उतारों
में किसी की नकल उतारना पसन्द नहीं करता
चाहे ऐसा करने से दुनियावी फायदा ही क्यों न हो !





१२.जन्नत मां के कदमो तले है
जन्नत मां के कदमो तले है , अगर हासिल करना चाहो
तो दिल खोलकर मां की खिदमत करो !मां को खुश करने से
अल्लाह खुश होता है और उसे नाराज करनेवालों से नाराज होता है !

 

१३.किसी की मुसीबत पर खुश न हो                                                                
अपने किसी भाई को मुसीबत में देखकर खुश न  हो !
हो सकता है अल्लाह तआला उसकी मुसीबत दूर फरमा
कर तुम्हे उस मुसीबत में डाल दे !


 

१४.रहमत से महरूम लोग
जिनके दिलों में दूसरों के लिए रहमत नही , जो दूसरों पर
तरस नहीं खाते वह अल्लाह की रहमत से महरूम रहेंगे !

 

१५.अपने से कम को देखो
अपने से कम मर्तबे वालों को देखो बड़े लोगों को नहीं !
ऐसा करने से तुम अल्लाह की नेअमतें जो तुम्हे हासिल हैं ,
उस मामूली 
न समझो !

 

६.झूठे  के लिए खराबी
जो आदमी लोगों को हँसाने के लिए झूठी  बातें
करता है , उसके लिए खराब (तबाही ) हैं !

 

१७.जानवरों को आपस में न लड़ाओं
जानवरों को आपस में लड़ाना मन हैं !

 

१८.बड़ा खजाना
सबसे बड़ा खजाना अपनी इस्लाह करना हैं !

 

१९.लडकी को कम नहीं समझो
जो आदमी अपनी बेटी को अपने बेटे से कम नहीं
समझेंगा , अल्लाह उसे जन्नत में दाखिल  फरमाइंगा !

 

२०.बुखार बुरा नहीं
बुखार को बुरा मत कहो , यह मोमिन को इस तरह
पाक कर देता है जैसे आग लोहे के मैल को !  




 

About

Site Info

Text

A Place Of Islam Copyright © 2009 Template is Designed by Islamic Wallpers